ये 8 प्रकार के फुल जो मनुष्य अपने गुरु , ईस्टदेव को चढ़ाता उसका ह्रदय कमल मधुर हो जाता हे .
पौधो पर खिले हुवे फुल अपने गुरु को या ईस्टदेव को मत चढावो , अपने ह्रदय में खिले हुवे भावो को अपने गुरु को चढावो यही कमलं मधुरं हे .
२. पुष्पं इंद्रिय निग्रह : अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण
३. सर्वभुत दया पुष्पम् : सबके प्रति दया .
४ . समा पुष्पं विशेसतः : हम चाहते हे इश्वर हमारी गलतिया माफ़ करे , हम भी किसीकी गलतिया माफ़ करे .
५. ध्यान पुष्पं : रोज ध्यान में बेठा जाय .
६ . तपः पुष्पं : मन चाही न हो अनचाही हो तो सहन करले .
७ . ज्ञान पुष्पं : गुरु के ज्ञान में स्थिति
८ . सत्यमं पुष्पं : (सत्य अष्ठ विधं पुष्पं विष्णोर प्रीती करम भवे ) सत्य वचन बोलना , कभी अपनी मुह से असत्य वचन निकल ही नहीं सकता .
ये 8 प्रकार के फुल जो मनुष्य अपने गुरु , ईस्टदेव को चढ़ाता उसका ह्रदय कमल मधुर हो जाता हे .
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