भारत और चीन के बीच इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर


भारत और चीन के बीच आज कई  समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इन समझौतों में एक नालंदा विश्वविद्यालय और पेकिंग विश्वविद्यालय के बीच समझौता भी शामिल है। 

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पेइचिंग में चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री लि कछियांग से आपसी हितों और अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। विदेश सचिव जयशंकर ने बताया कि वित्‍त, और व्‍यापार, महत्‍वपूर्ण योजनाओं, सीमा संबंधी मुद्दों, आतंकवाद और परमाणु से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। पेइचिंग में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में भारत और चीन के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए 10 सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर कि‍ए गए। भारत की तरफ से नालंदा विश्‍वविद्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान दिल्‍ली, भारतीय प्रबंधन संस्‍थान कोलकाता, गुजरात केंद्रीय विश्‍व विद्यालय, विश्‍वेसवरैया राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान नागपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान भुवनेश्‍वर को शामिल किया गया है।

समझौते में चीन की तरफ से पीकिंग विश्‍वविद्यालय, चांग आन विश्‍वविद्यालय, पूर्वी चीन राजनीति विज्ञान और कानून विश्‍वविद्यालय, पेइचिंग फॉरेन विश्‍वविद्यालय और जीनान विश्‍वविद्यालय शामिल हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत शोध के क्षेत्र में गुणवत्‍ता बढ़ाने के लि‍ए कई कदम उठा रहा है जिसके तहत विदेशी भागीदारों के साथ शोध के लिए अधिक संसाधन उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं। राष्‍ट्रपति ने जोर देकर कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर भारत, चीन के साथ खड़ा है।

अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पीकिंग विश्वविद्यालय में कुलपतियों और भारत-चीन के उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों की गोलमेज सभा में शिरकत की। उन्होंने विचार-विमर्श पर दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों की रिपोर्ट हासिल की।

भारत और चीन के भविष्य के आठ स्तंभों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि दोनों देशों के बीच की विभिन्न चुनौतियों को राजनीतिक सूझबूझ और सभ्यतापरक विवेक के जरिए समग्र ढंग से सुलझा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन के साथ साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक द्विदलीय प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि विकास पर आधारित करीबी साझेदारी के लिए दोनों देशों के बीच राजनीतिक समझ होना जरूरी है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीन के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोज में भी हिस्सा लिया। इससे पहले प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बीजिंग के 'ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल' में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। उन्होंने चीन के प्रधानमंत्री ली केक्यीआंग से भी मुलाकात की। इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविन्द्र नाथ टैगौर की प्रतिमा का भी अनावरण किया। उन्होंने गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर को पुष्पांजलि भी अर्पित की। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीन के शिक्षा मंत्री युआन ग्यूरिन से भी मुलाकात की।

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