Posts

Showing posts from June, 2016

पश्चिमी शिक्षा किस तरह गुलाम बनाती हे , अवस्य पढ़े ..

Image
  दोस्तों आज में लिखने जा रहा हु की यूरोपीय शिक्षा हमें किस तरह से उसके मानसिक गुलाम बनाते हे . हम सभी जानते हे की हमारे यहाँ आंग्रेजो ने काफी साल राज किया और उनके एक फल स्वरूप हमें अंग्रेजी सिक्षा व्यवस्था सोड़कर चले गए पर क्या आप जानते हो की आज वही शिक्षा व्यवस्था हमें अंग्रेजो के तोर- तरीके , कल्चर , और विचारो के गुलाम बनाते हे . इश बातको अच्छी तरह समजने के लिए  में आप को उन वियतनामी के बारे में बताता हु जिससे आप अच्छी तरह से समज जावोगे की अंग्रेजोने शिक्षा देने का षड्यंत्र क्यों किया था .   वियतमान जो भारत की तरह एक ज़माने में फ्रांसीसियो का गुलाम था , यहाँ के किशानो के गुलामो की तरह मजदूरी करवाकर  कीमती चीजे व चावल का एक्सपोर्ट अपने देश ( यूरोप ) में करते थे . फ़्रांसिसी उपनिवेशवाद सिर्फ आर्थिक शोषण पर केन्द्रित नहीं था . इसके पीछे ' सभ्य ' बनाने का कुविचार भी काम कर रहा था . जिस तरह भारत में अंग्रेज दावा करते थे उसी तरह फ्रांसीसियो का दावा था की वे वियतनाम के लोगो को आधुनिक सभ्यता से परिचित करा रहे हे . उनका विस्वाश था की उरोप में सबसे विकसित सभ्यता कायम हो च...

Know 10 Some Basic Yogasana ( जानिए ऐसे १० योगाशन जो आपके जीवन - संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हे )

Image
साधारण मनुष्य अन्नमय , प्राणमय और मनोमय कोष में जीता हे . जीवन की तमाम सुशुप्त शक्तियां नहीं जगाकर जीवन व्यर्थ खोता हे . इन शक्तिओ को जगाने में आपको आशन खूब सहायरूप बनेगे . आशान के अभ्याश से तन तंदुरस्त , मन प्रसन्न और बुध्धि तीक्ष्ण बनेगी . जीवन के हर क्षेत्र में सुखद स्वप्न साकार करने की कुंजी आपके आंतर मन में सुपी हुई पड़ी हे . आपका अदभुत सामर्थ्य प्रकट करने के लिये ऋिषयों ने समाधी से समप्राप्त इन आसनों का अवलोकन किया हे . 1. सिद्धासन : पद्मासन के बाद सिद्धासन का स्थान आता है। अलौकिक सिद्धियाँ प्राप्त करने वाला होने के कारण इसका नाम सिद्धासन पड़ा है। सिद्ध योगियों का यह प्रिय आसन है। यमों में ब्रह्मचर्य श्रेष्ठ है, नियमों में शौच श्रेष्ठ है वैसे आसनों में सिद्धासन श्रेष्ठ है। ध्यान :आज्ञाचक्र में और श्वास, दीर्घ, स्वाभाविक . विधिः आसन पर बैठकर पैर खुले छोड़ दें। अब बायें पैर की एड़ी को गुदा और जननेन्द्रिय के बीच रखें। दाहिने पैर की एड़ी को जननेन्द्रिय के ऊपर इस प्रकार रखें जिससे जननेन्द्रिय और अण्डकोष के ऊपर दबाव न पड़े। पैरों का क्रम बदल भी सकते हैं। दोनो...

सफलता के ७ सूत्र

Image
किसी भाई के घर में कींचर की शीशी गिरकर टूट गइ , भाई ने पत्नी से आवाज लगाई " सुनती हो जल्दी से किचन से सूरी लेकर आवो " पत्नी सोचने लगी कींचर की शीशी गिर गई सूरी क्यों मंगवा रहा हे , उस भाईसाब ने तो चाकू से अपने दोनों हाथो पे घाव किये और गिरा हुवा कींचर घावभरे हाथ से पोछने लगा . पत्नी बोली ये क्या कर रहे हो , जनाब बोले " कींचर का सदुपयोग कर रहा हु , ताकि वो व्यर्थ न जाये " -  पर क्यों अपना सार गवा रहा हे , बांवरे अशार को सँभालने के लिए सार गवा रहा हे ये अज्ञता हे . सफलता के ७ सूत्र : १. आत्मविश्वास : देखा जाता हे की लोग किसी भी कार्य करने में सक्षम होते हे परंतु स्वयं की क्षमता पर विश्वास नहीं होता ,ये मेरी केपेसिटी हे , ये मेरी क्षमता हे , खुद की क्षमता पर विश्वास नहीं होता इसलिए असफल हो जाते हे . ये काम होकर रहेगा ॐ ॐ  दो पांच मिनिट ओमकार का गुंजन करो आत्मबल बढाओ , आत्मविश्वास की कमी से व्यक्ति को असफलता मिलती हे . उदा: एक विद्याथी के परीक्षा में रेंक न आने  पुछा गया आप हर बार रेंक लाते इसबार क्यों नहीं आया . विद्यार्थी ने कहा "इसबार में पढ़ते समय पढाई ...

Watch video President Obama and Prime Minister Modi meating (The White house Channel)

Image
" हम दोनों देश जितना साथ मिलकर काम कर पायेगे , जितना अधिक दायरे में काम कर पायेगे , नए क्षेत्र में साथ मिलकर के प्रगति करेगे ,  विश्व के कल्याण के जो भी हमारे सपने हे , डेवलोपिंग कंट्री को मदद करने के सपने,  उन सब में हम काफी कुश परिणाम दे सकते हे "  - ( पूरा विडियो देखिये हिंदी और इंग्लिश भासा में  )

Watch video PM Modi at the 41st Annual Leadership Summit of USIBC in Washington DC, USA

Image
I am happy to tall you today India is huge contribute the new engine of global growth. India presents a large growing market . watch full video  on you tube link :https://www.youtube.com/watch?v=pCWO0bMDtyo  

मनोनिग्रह की मिहमा .

Image
आज कल के नौजवानों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है | उन पर चारों ओर से विकारों को भड़कानेवाले आक्रमण  होते रहते हैं | एक तो वैसेही अपनी पाशवी वृतीयाँ  यौन उच्छंखलता की ओर प्रोत्सािहत करती हैं और दूसरी , सामािजक पिरिःसथितयाँभी उसी ओर आकषर्ण बढ़ाती हैं , इस पर उन प्रवुतियो  को वौज्ञािनक समथर्न मीलने लगेऔर संयम को हािनकारक बताया जाने लगे, कुछ कथाकथित  आचार्य  भी   फ्रायड जैसे नास्तिक एवंअधूरे मनोवैज्ञािनक के व्याभिचारशास्त्र को  आधार बनाकर ‘संभोग से समाधी ’ का उपदेश देने लगें तब तो इश्वर ही भ्रह्मचर्य  और दाम्पत्य जीवन की पवित्रता  का रक्षक है. जब पश्चिम  के देशों में ज्ञान-विज्ञान का विकास प्रारम्भ भी नहीं हुवा  था और मानव ने संस्कृति के क्षेत्र में प्रवेश भी नहीं किया था उस समय भारतवर्ष के दार्शनिक और योगी मानव मनोविज्ञान के विभिन्न पहलुओं और समस्याओं पर गम्भीरता पुर्वक विचार कर रहे थे | फिर भी पाश्चात्य विज्ञान की छ्त्रछायामें पले हुए और उसके प्रकाश से चकाचौंध वर्तमान भारत के मनोवैज्ञािनक भारतीय नोवीवज्ञान का अस्तित्त्व त...